निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आखिर क्यों BJP के ओर से चुनाव लड़ने से मना कर दिय कारण जान कर आप चौंक जायेंगे।
नमस्कार साथियों फ्री पढ़ो में आप सभी का स्वागत है। आज हम आपके साथ बीजेपी में हुई एक ऐसे हलचल और सनसनीखेज खबर के बारें में बताने जा रहे हैं जिसे जान कर आप भी अचरज में पर जायेंगे की बीजेपी के मंत्रिमंडल के एक शीर्ष पद फाइनेंस मिनिस्टर ( वित्त मंत्री ) के पद पर होने के वावजूद उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
दोस्तों खबर यह चल कर आ रही है की जेपी नड्डा ने जब बीजेपी की ओर से निर्मला सीतारमण(Nirmala Sitharaman) को चुनाव लड़ने के लिए कहा तो निर्मला सीतारमण ने उन्हें यह कर मन कर दिया की उनके पास इतना पैसा नहीं है की चुनाव लड़ सकें।
अब सोचने वाली बात यह है की अगर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जैसे वक्तित्व यह कह रहें है की उनके पास इतना पैसा नहीं है की वह चुनाव लड़ सके तो ऐसे में सोचने वाली बात यह है की आखिर चुनाव में कितना पैसा लगता है की एक केंद्रीय मंत्री यह कह रहे की उनके पास उतना पैसा नहीं है की वो इस लोकसभा चुनाव में हिस्सा ले सकें।
भारतीय मिडिया के प्रमुख ख़बरों के अनुसार यह अनुमान लगाया जा सकता है की एक कैंडिडेट कितना खर्च कर सकता है, यह उस कैंडिडेट के ऊपर निर्भर कर सकता है की वह कितना खर्च कर सकता है। परन्तु चुनाव आयोग ने बड़े चुनाव क्षेत्र या अधिक मतदाताओं वाले क्षेत्रों के लिए 40 लाख तो वहीँ पर छोटे चुनाव क्षेत्र या कम मतदाताओं वाले क्षेत्रों के लिए 20 लाख तक का लिमिट लगा रखा परन्तु वास्तविकता कुछ और है यह हम और आप सभी अन्ते है की चुनाव में पैसे कैसे पानी की तरह बहाया जाता है।
वैसे कुछ समाचारपत्र के अनुसार 1 व्यक्ति जो लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहता है उसके पास कम से कम 90 लाख से 1 करोड़ तक खर्च करने लायक संपत्ति हो तभी वह कैंडिडेट लोकसभा चुनाव बड़े क्षेत्र पर सही ढंग से लड़ सकता है, वहीँ अगर बात किया जाए छोटे चुनाव क्षेत्र पर चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 70 लाख से 80 लाख तक रुपये होने चाहिए।
वही अगर बात करे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तो उन्होंने अब तक कोई भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है क्योंकि चुनाव के लिए काफी ज्यादा फिल्ड वर्क और कैंपेन करना पड़ता है जिसके लिए काफी ज्यादा पैसों की जरूरत होती है।
निर्मला सीतारमण जो की राज्यसभा की मेम्बरशिप ग्रहण की थी जिसके कारन उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्रालय मिला था, जब निर्र्मला सीतारमण ने राज्यसभा इलेक्शन के समय अपना विहित प्रपत्र ( affidivit ) दिया था तो उन्होंने 2.5 करोड़ की संपत्ति का व्योरा दिया था।
वहीँ अगर बात करें की सबसे ज्यादा संपत्ति का व्योरा देने वाले कैंडिडेट की जिन्होंने 583 करोड़ की कुल सम्पत्ति दिखाया था तो वो हैं अशोक कुमार जी जो की AIADMK के कैंडिडेट हैं। उन्हें अब तक का सबसे अमीर कैंडिडेट माना जाता है।
अगर हम भारतीय चुनाव के कुछ दसकों के इतिहास को देखें तो हम यह आसानी से देख पातेन हैं की अमीर होने का यह मतलब नहीं आप चुनाव जीत ही जायेंगे मतलब की कई बार ऐसा भी देखा गे है की कई अमीर नेताओं ने चुनाव आओग के द्वारा निर्धारित की गयी न्यूनतम मतों के सीमा को भी पार नहीं कर सकें है और उनका जमानत भी जब्त हो गया था ।
अतः इन सभी बातों को ध्यान में रख कर ही उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा को लोकसभा चुनाव 2024 को लड़ने से मना कर दिया है ।
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