5 FACTS YOU MUST KNOW ABOUT ANCIENT JANKI TEMPLE (JANAKPUR NEPAL)
दोस्तों आप सभी का फ्री पढ़ो पर स्वागत है। आज हम बात करनेवाले हैं जानकी मंदिर NEPAL के बारे में जो की नेपाल देश के जनकपुर में स्थित है। यह मंदिर प्राचीन कलाकृति का एक महान जीता जागता नमूना है। अगर आप इस मन्दिर के अंदर प्रवेश करेंगे तो आपको लगेगा कि आप किसी अलग ही दुनियाँ में आ गए हो । क्षण भर को तो आपको लगेगा कि यह कोई एक राजा महाराजा का महल है। लेकिन वास्तव में यह एक मंदिर का एक नायाब रूप है।
इस मंदिर में आपको 2 मुख्य द्वार देखने को मिलेगा एक सामने की तरफ से और दूसरा मंदिर के दाहिने तरफ से । हालांकि दाहिनी ओर का द्वार सिंह द्वार है।और मुख्य द्वार के ठीक सटा हुआ एक बहुत ही विशाल कैंपस / आँगन है । मुख्य मंदिर के गर्भगृह में बहुत ही अद्भुत प्रतिमा को स्थापित किया गया है।
जानकी TEMPLE NEPAL
1.नौ लखा मंदिर
जानकी मंदिर के निर्माण में लगभग नौ लाख स्वर्ण मुद्रा का खर्च आया था जिसकेKARAN इस मंदिर को नौ लखा मंदिर , कहा जाता है, इस मंदिर का निर्माण महारानी वृष भानु ने करवाया था। इस मंदिर कका निर्माण काल 1910 AD माना जाता है। सं 1657 में इस जगह पर माता सीता की मूर्ति खुदाई के दौरान मिली संत सूरकिशोर जी को मिली थी जिसके बाद ऐसा मन जाने लगा की देवी सीता अपने बचपन में यहाँ रहती थी।
2 मिथिला पेंटिंग/ मधुबनी पेंटिंग
जानकी मंदिर के दीवारों पर मिथिला पेंटिंग या मधुबनी पेंटिंग किया गया है जिससे मंदिर के दीवारों की शोभा कई गुना बढ़ गयी है और एक तरह से देखा जाये तो इससे मधुबनी पेंटिंग या मिथिला पेंटिंग की लोकप्रियता काफी बढ़ी है क्योंकि इस मंदिर में कई देशों से पर्यटक इस मंदिर को देखने आते हैं।
3 जनकपुर की स्थापना
जनकपुर नगर का संस्थापक संत सूरकिशोर दस जी महाराज को मना जाता है। संत सूरकिशोर जी महाराज के द्वारा सीता उपशना विधि को बताया गया है और उन्होंने ही सीता उपनिषद की रचना की थी। ऐसी मान्यता है की राज जनक ने इसी स्थान पर शिव धनुष के लिए तप किया था।
4 संग्रहालय
जानकी मंदिर नेपाल के प्रांगण में एक भूमिगत संग्रहालय मौजूद है जिसमे देवी सीता के बचपन के कपड़े और जेवरात के साथ – साथ उनके प्राचीन वस्तुएं भी मौजूद है , इसके अतिरिक्त JANKI MANDIR NEPAL के प्रथम तल पर एक विद्युतीकृत संग्रहालय भी है जिसमे राजा जनक के प्राचीन राज्य की शोभा के साथ – साथ देवी सीता के बचपन की झाँखी बनायीं गयी है और देवी सीता स्वयम्बर शिव धनुष को तोरना आदि दृश्यों की झंखि भी बनायीं गयी है।
ध्यान देने वाली बात यह है की यह संग्रहालय निःशुल्क नहीं है इसके अंदर प्रवेश करने के लिए भारतीय रूपया में 10 रुपया और नेपाली रपया में 15 रुपया का षुल्क रखा गया है, वैसे तो यह संग्रहालय हरदिन खुला रहता है परन्तु होली और दिवाली के दिन यह संग्रहालय बंद रहता है ।
5 सीता- राम विवाह मंडप
जानकी मंदिर नेपाल के – कैंपस के अंदर ही सीता – राम विवाह मंडप भी बनाया गया है जिसकी रचना नेपाल की प्राचीन कला के अनुरूप ही किया गया है इस मंडप को लकड़ी और ब्रॉन्ज़ की मदद से बनाया गया है इसके आकर को पैगोडा का रूप दिया गया है ।
अगर आप भी नेपाल घूना चाहते हैं तो जनकपुर में राम मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, जानकी मंदिर, मणि मंडप ( जहाँ मान्यता अनुसार राम सीता का विवाह हुआ था) अवश्य घूमें।
अगर आप भारत से नेपाल जाते है तो अपने पास के भारतीय रुपया को नेपाली रुपया में जरूर बदल लें अभी एक्सचेंज रेट के अनुसार 10 भारतीय रुपया नेपाल के 16 रुपया के बराबर है अगर आप नेपाल के अंदर करेंसी एक्सचेंज करते है तो आपको 10 भारतीय रुपया के बदले 15 नेपाली रुपया या उससे भी काम मिल सकता है अतः करेंसी को भारतीय सीमा के अंदर ही नेपाली रुपया में बदलवा लें अनथ्य आपको काम एक्सचेंज रेट मिलेगा।
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